FUTURE ALL DETAILS IN HINDI

फ्यूचर कांटेक्ट (Future Contracts)
WHAT IS FUTURE TREDING फॉरवर्ड मार्केट में निर्माण होने वाली समस्या को हल करने के लिए फ्यूचर का मार्केट अस्तित्व में आया है
फ्यूचर कांटेक्ट एक निर्धारित तारीख को निश्चित किया गया सेट को निश्चित के भाव पर खरीदने बेचने का करार हे।
परंतु फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट के विपरीत फ्यूचर के व्यवहार स्टैंडर्ड बनाए गए हैं और शेयर बाजार के माध्यम से उसके व्यवहार किए जा सकते हैं फ्यूचर के कांटेक्ट में लिक्विडिटी का प्रभाव पूरी तरह से लाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट करते समय एक्सचेंज सही नियमों का पालन करने को कहता है। FUTURE IN STOCK MARKET- DEFINATION
HOW TO INVEST FUTURE TREDING
यह कांटेक्ट याने पहले से निश्चित किए हुए नियम होते हैं उसके अंतर्गत आने वाले इंस्ट्रूमेंट भी स्टैंडर्ड होते हैं उनकी संख्या और गुणवत्ता भी निश्चित की होती है पहले निश्चित किए हुए नियमों के अनुसार सेट की डिलीवरी दे सकते हैं फ्यूचर का कांटेक्ट उसके मैच्योरिटी के पहले उल्टा या भी जा सकता है परंतु उसके लिए उतना ही विपरीत व्यवहार उसी तरीके से बराबर किया जाता है।Ḥ
फ्यूचर के व्यवहार में उपयोग में (FUTURE TREDING )आने वाले महत्व के शब्द समूह निम्न प्रकार है(future terminology ):
स्पोर्ट प्राइस SPOT PRICE
स्पोर्ट बाजार में जिसको प्रसठ के व्यवहार होते हैं उस भाव को सपोर्ट प्राइस कहते हैं/
फ्यूचर प्राइस FUTURE PRICE
फ्यूचर के बाजार में जिस भाव पर फ्यूचर के कांटेक्ट के का ट्रेडिंग होता है उस भाव को फ्यूचर प्राइस कहते हैं.
कॉन्ट्रैक्ट का साईं काल CONTRECT ENDING
जिस कालावधी के लिए कॉन्ट्रैक्ट का ट्रेडिंग होता है उसका लाउदी कोर्ट कॉन्ट्रैक्ट साईं काल कहा जाता है..
एनएससी में इंडेक्स फ्यूचर के होने वाले कॉन्ट्रैक्ट की दे मुद्दत 1 महीना 2 महीना तो 3 महीने के बाद होती है कुछ महीने के अंत के गुरुवार को यह मुद्दत पूरी होती है…
कांटेक्ट पूरा होने की तारीख START A CONTARCT कांटेक्ट पूरा होने की तारीख का उल्लेख कांटेक्ट में किया जाता है कांटेक्ट में दिखाई देने वाली अंत की तारीख ट्रेडिंग का अंत का दिन होता है उसके बाद उसका अस्तित्व नष्ट हो जाता है जिसे एक्सपायरी डेट कहते है…
कॉन्ट्रैक्ट का साइज CONTRACT SIZE
कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत डिलीवरी देने के लिए बंद किए गए असेट की संख्या को कॉन्ट्रैक्ट का साइज कहते हैं
बेसिक मूल कीमत BASIC RATE
फाइनेंसियल फ्यूचर के संदर्भ में फ्यूचर के भाव से सपोर्ट भाव को घटाने के बाद मिलने वाली रकम को फ्यूचर की कीमत के मैसेज के नाम से पहचाना जाता है डिलीवरी के हर महीने के कॉन्ट्रैक्ट के लिए अलग से सातों कीमत मिलती है सामान्य बाजार में कीमत अथवा बेसिस पॉजिटिव होता है इससे यह सिद्ध होता है कि स्पॉट भाव में सामान्यतः फ्यूचर का भाव ज्यादा ही होता है..
कास्ट ऑफ कैरी CAST OF CARRY
फ्यूचर के भाव और सपोर्ट भाव के बीच का संबंध का स्टॉप कैरी द्वारा समझाया जा सकता है ऐसे खरीदने के लिए लगने वाले रकम पर किए हुए हुआ ब्याज के भुगतान में स्टोरेज खर्च जोड़कर कर कास्ट ऑफ कैरी की गणना की जाती है…
READ MORE- HOW TO INVEST FUTURE MARKET
आरंभिक मार्जन INITIAL MARGIN
फ्यूचर के कांटेक्ट के आरंभ के समय रिवर किया जाता है तब लिए जाने वाली मार्जन को आरंभ का मार्जन कैसे पहचाना जाता है..
मार्किंग टू मार्केट MARKETING TO MARKET
फ्यूचर के मार्केट में हर ट्रेडिंग दिन के अंत में मार्जिन अकाउंट में आने वाले अर्जेंट की जाती है उसके आधार पर तीन के दरमियान किए जाने वाले व्यवहार के कारण उनको हुए नुकसान अथवा मुनाफे का अंदाजा लगा सकते हैं फ्यूचर के बंधुभाव के आधार पर यह रकम निश्चित की जाती है उसको मार किंतु मार्केट के नाम से जाना जाता है..
मेंटेनेंस मार्जन MAINTENANCE MARGIN
आरंभ के मार्जन से मेंटेनेंस मार्जिन थोड़ा कम होता है मार्जिन अकाउंट के बैलेंस माइनस में ना आए इसके लिए मारी यह मार्जिन रखा जाता है मार्जिन अकाउंट का बैलेंस मेंटेनेंस मार्जिन से कम हुआ होगा तो निवेशकों को मार्जिन जमा कराने के लिए संदेश भेजा जाता है यह संदेश को मार्जिन कॉल का जाता है मार्जिन कॉल जाने के बाद निवेशक उसके मार्जिन अकाउंट में रह ज्यादा रकम जमा करेगा ऐसा अंदाजा लगाया जाता है दूसरे दिन रकम जमा हो गई है क्या यह निवेशक द्वारा ट्रेडिंग करने वाले को देखना पड़ता है..FUTURE MARKET
डिस्काउंट DISCOUNT
शेयर के सपोर्ट भाव और फ्यूचर भाव के फर्क से उस पर डिस्काउंट लागू है या नहीं यह निश्चित किया जाता है फ्यूचर का भाव सपोर्ट भाव से कम होगा तो उस फ्यूचर में ट्रेडिंग डिस्काउंट पर हो रहा है ऐसा कहा जाता है तो आमतौर पर पास के भविष्य में शेयर की कीमत में कमी होने की ट्रेड अपेक्षा करते हुए इस प्रकार स्थिति निर्माण होती है…HOW TO INVEST FUTURE MARKET
Comments are closed.