
शेयर बाजार SHARE MARKET में निवेश की शुरुआत कैसे करनी चाहिए
.सबसे पहले अपने ब्रोकर का चयन कीजिए उस ब्रोकर का सेबी में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
. साथ ही ब्रोकर ऑर्थो एंड डिक्रिमेंट पर हस्ताक्षर करके जरूरी कार्रवाई पूरी की जानी चाहिए।
. आपको डीमेट अकाउंट भी खोलना पड़ता है जो आपके ब्रोकर के पास मान्यता प्राप्त बैंक से खोला जा सकता है।
. एक बार संपूर्ण कार्यवाही पूर्ण होने के बाद शहर के लेनदेन के लिए आपको अपने ब्रोकर को फोन करना पड़ता है या फिर आप उसके ऑफिस में जाकर टर्मिनल के सामने बैठकर ट्रेडिंग कर सकते हैं। HOW TO INVEST IN SHARE MARKET
ब्रोकर की जरूरत किस लिए होती है.?
सेबी के रेगुलेशन के अनुसार रजिस्टर्ड लोगी काम कर सकते हैं इसीलिए रजिस्ट्रेशन किए हुए ब्रोकर की मदद से ट्रेडिंग करना संभव हो जाता है। शेयर मार्केट
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग क्या होता है..?
. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरूआत के बाद अब ब्रोकर को ट्रेडिंग फ्लोर पर जाकर ट्रेडिंग नहीं करना पड़ता है अब कंप्यूटर पर ट्रेनिंग किया जाता है जो एक्सचेंज के साथ रीसेट द्वारा जुड़ा होता है।
. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग अब इंटरनेट के माध्यम से भी ट्रेडिंग करने की सुविधा उपलब्ध कराता है इसलिए हम घर बैठे बैठे या स्वयं के ऑफिस में या खुद के कंप्यूटर की मदद से ट्रेडिंग कर सकते हैं।
कॉन्ट्रैक्ट नोट क्या होता है..?
.आपने कि ट्रेडिंग का भाव समय संख्या और दलाली आदि को दर्शाने वाला नोट है कांटेक्ट नोट सभी दलाल के पास मिलता है यह कॉन्ट्रैक्ट नोट निश्चित की फॉर्मेट में निवेशकों को दिया जाता है जो निवेशक और परोपकार इन के बीच हुए ट्रेडिंग का कानून प्रमाण होता है कॉन्ट्रैक्ट नोट को दो प्रत्यय निकाली जाती है जिससे एक नौकर और दूसरे निवेशक के पास होती है यह कॉन्ट्रैक्ट नोट आपको 24 घंटे के अंदर मिल जाता है।
नो डिलीवरी पीरियड क्या होता है.?
. जब कोई कंपनी बुक क्लोजर का विज्ञापन करती है तब एक्सचेंज उसके लिए नॉन डिलीवरी परेड निश्चित करता है इस समय के दरमियान सिर्फ ट्रेडिंग के अनुमति दी जाती है साथ ही इस तरह का सेटलमेंट नो डिलीवरी का समय पूरा होने के बाद ही होता है इस तरह से ऐसा होता है कि वहां पर उस कंपनी ने प्रसिद्ध किए फायदे के हकदार हो तो उन्हें अलग निकाला जा सकता है।
एक्स डिविडेंड क्या होता है..?
. किसी कंपनी ने डिविडेंड जाहिर करने के बाद वह एक्स डिविडेंड खिलाता है इसका अर्थ होता है कि जब उन शेयर का डिविडेंड देने के बाद भाव शुरू है ऐसा होने से शेयर खरीदने वाले को इससे पहले दी गई डिविडेंड का लाभ नहीं मिलता है।
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एक्स डेट क्या होती है..?
.नो डिलीवरी के पहले दिन को एक स्टेट का जाता है जो कुछ बोनस राइट डिविडेंड जैसे विज्ञापन कंपनी द्वारा किया जाता है जिसके लिए बुक क्लोजर और रिकॉर्ड डेट निश्चित की गई है तो फिर जो कुछ शेयर इस तारीख को या इसके बाद की तारीख को करते हैं वह इसका फायदा मिलने का हकदार नहीं होते..
बोनस क्या होता है..?
.जब आप निवेश करते हैं तभी आपकी पूंजी में वृद्धि होने की गिनती नहीं की जाती है पर कंपनी के सभी उधारी का भुगतान करने के बाद जो सर प्लस बाकी होता है उसका हिस्सा मिलता है ऐसा भी हो सकता है पर स्तरप्लस को ठीक तरह से वितरण सौभाग्य से ही होता है ऐसा नजर आता है इसके बदलाव में रिजर्व या सर प्लस खाते में जमा किया जाता है जब यह रकम बहुत बड़ी हो जाती है तब तुम कंपनी ऐसे रकम को रिजर्व खाते में से एक एंट्री द्वारा शेयर कैपिटल खाते में जमा कर सकती है इस तरह से बाजार में अकाउंट स्टैंडिंग शहर को बढ़ाया जा सकता है और एक हर निवेशक को बोनस शेयर दिए जा सकते हैं जो एक निर्धारित बोनस रेशों के अनुसार दिए जाते हैं उसे बोनस कहते हैं।
स्प्लिट क्या होता है..?
.यह एक ऐसी बुक एंट्री है जिसमें शहर के फेस वैल्यू के बदले आउटस्टैंडिंग शेयर्स में बढ़ोतरी होती है अगर कंपनी ने पूरे स्प्लिट किया है तो इसका अर्थ यह होता है कि 10 की फेस वैल्यू के शेयर 5 की फेस वैल्यू वाले बन जाते हैं और जिनके पास एक शायर होता है उनके पास 2 सयर हो जाते हैं..।
बायबक क्या होता है..?
. नाम दर्शाता है उस तरह से यह एक विकल्प है जिससे कंपनी स्वयं के शेयर निवेशकों के पास से फिर से खरीदती है ये कार्य वह अलग-अलग प्रकार से कर सकती है उस निवेशक के पास कम से कम संख्या में शेयर कर सकती है या फिर टेंट ऑफ ऑफर द्वारा ओपन बाजार में से खरीद सकती है साथ ही बुक बिल्डिंग के तरीके से खरीद सकती है स्टॉक एक्सचेंज के पास है या आर्डर नोट से खरीद सकती है।
सेटलमेंट साईं काल क्या होता है..?
. इस बाजार में जो शेयर ट्रेड होते हैं उनके अकाउंटिंग पीरियड गिनती की जा सकती है दोनों एनएससी और बीएससी रोलिंग सेटलमेंट का उपयोग करते हैं हर एक सेटलमेंट के आखिर में किसी भी शहर दलाल को जो देना होता है या बाजार में से माल और रुपए लेने होते हैं उसकी गिनती की जाती है और हर शहर दलाल को उसके नियम अनुसार समय और पर भुगतान करना होता है।
रोलिंग सेटलमेंट क्या होता है..?
.रोलिंग सेटलमेंट द्वारा तय किया जाता है कि किसी भी दिन का ट्रेडिंग भाव और सेटलमेंट की कालावधि में निश्चित दिनों में सेटल किया जाता है फिलहाल संपूर्ण कालावधी यह 5 दिनों का माना जाता है यह वेटिंग कालावधी हर प्रकार के ट्रेड के लिए सम्मान होता है।
बेड डिलीवरी क्या होता है..?
. सेबी ने अच्छे और खराब शहर की डिलीवरी के लिए एक जैसे नियम बनाई है बैड डिलीवरी एंड शेयर सर्टिफिकेट फटा हुआ हो खराब लिखा हो लिखावट में बदलाव किया वह कंपनी के नाम में गलती हुई हो आदि कारणों का समावेश होता है बेड डिलीवरी तभी संभव है जब फिर फिजिकल फॉर्म में हो डेट में बर्थ डिलीवरी की संभावना बिल्कुल नहीं होती है..।
ऑप्शन क्या होता है..?
.जब कोई शेयर धारक शेयर बेचने के बाद समय के अनुसार शहर की डिलीवरी देने में असफल होता है तब ऑप्शन द्वारा बाजार उस अंतरगट्टे को एक सम्मान करता है इसके लिए हर एक निवेशक को ध्यान में रखना जरूरी है जब वे शेयर भेजते हैं तब उनके पास इतनी संख्या में शहर होने चाहिए क्योंकि ऑप्शन के कारण उन्हें बिना मतलब बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है अब ऑप्शन जिस भाव में से हुआ वैभव और बिक्री भाव के बीच का फर्क सकारात्मक होगा तो होने वाला मुनाफा इन्वेस्टर प्रोटक्शन फंड में जमा किया जाता है इसलिए ऑप्शन से फायदा कभी भी नहीं होता है पर घटा मात्र जरूर हो सकता है। पर घटा मात्र हो सकता है।