
SHARE MARKET बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग शेयर बाजार में किया जाता है शेयर बाजार एक ऐसा प्लेटफार्म में जहां 6 इयर्स की खरीदी और बिक्री का भाव निश्चित करके व्यवहार किया जाता है पहले शेयर बाजार एक स्थान हुआ करता था शेयर बाजार के ट्रेडिंग फ्लोर पर लेनदेन किया जाता था आपने कभी चित्रों में ट्रेडिंग फ्लोर देखा होगा इस ट्रेडिंग फ्लोर पर लोगों को हाथ ऊंचा ऊंचा करके जोर-जोर से चिल्लाकर साथ ही एक दूसरे को संकेत करके व्यवहार करते हुए देखा होगा शेयर बाजार में व्यवहार करने का एक यह पुराना तरीका था यह प्रथा अस्तित्व में नहीं थी SHARE MARKET
फिलहाल वर्चुअल ट्रेडिंग फ्लोर में कंप्यूटर के नेटवर्क का समावेश होता है इस नेटवर्क के जरिए दुनिया भर के देशों में ट्रेडिंग के लिए इसी सिस्टम का उपयोग किया जाता है। SHARE MARKET
शेयर बाजार का मूलभूत है तू खरीदार और विक्रेता के सिक्योरिटीज का व्यवहार पूर्ण होने के लिए जरूरी सुविधा उपलब्ध करना और जोखिम को कम करना है शेयर बाजार में प्राइमरी और सेकेंडरी ऐसे दो बजार होते हैं।
प्रायमरी मार्केट एक ऐसा स्थान है जहां पर इनिशियल पब्लिक ऑफर बीपी लो के माध्यम से नई सिक्योरिटीज की बिक्री की जाती है दूसरे शब्दों में कहना हो तो प्रायमरी मार्केट में नए सिक्योरिटीज की बिक्री के लिए मार्ग उपलब्ध करवाता है राज्य और केंद्र सरकार की कंपनियों और कुछ प्राइवेट कंपनियों के जरिए नई सिक्योरिटी शिशु की जाती है।
सेकेंडरी मार्केट एक ऐसा स्थान है जहां पर प्राइमरी मार्केट में इनिशियल पब्लिक ऑफर के जरिए बेची जाती है गई सिक्योरिटीज का दुबारा खरीदी बिक्री अथवा ट्रेनिंग करने का कार्य किया जाता है स्टॉक एक्सचेंज के जरिए शेयर बाजार में लिस्ट हुई कंपनियों के सिगरेट इसका भी सेकेंडरी मार्केट में ही व्यवहार किया जाता है सिक्योरिटीज का बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग सेकेंडरी मार्केट में किया जाता है सेकेंडरी मार्केट में इक्विटी मार्केट ऑफ डेबिट मार्केट का समावेश होता है।
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज( STOCK EXCHANGE IN INDIA)
भारत में कुल 25 स्टॉक एक्सचेंज है इन सभी को भारत सरकार ने मान्यता दी है उनमें से सबसे बड़े और महत्व के बाजार में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज nsi
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई का समावेश होता है भारत के शेयर बाजार में हर दिन होने वाले ट्रेडिंग में बड़े पैमाने का ट्रेडिंग एनएसई और बीएसई के जरिए ही होता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (NATIONAL STOCK EXCHANGE ) NSE
1994 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शुरू किया गया यह शुरू करने के पीछे तू ही तू आगे दिया गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर इक्विटी डेट और इन जैसे अन्य इंस्ट्रूमेंट का व्यवहार कर पाना.
देश भर के निवेशकों को एक साथ में व्यवहार करने का मौका प्राप्त करना..
यह एक्सचेंज बिना ट्रेडिंग रिंग वाले राष्ट्रीय स्तर के कंप्यूटराइज शेयर बाजार के इस रूप में रहे इसीलिए..
व्यवहार के सेटलमेंट साइकिल अर्थात काला अवधि कम करने के लिए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ( MOMBAY STOCK EXCHANGE ) BSE
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है एशिया का सबसे पुराना शहर बाजार है यह बीएसपी के नाम से अधिक प्रसिद्ध है
1874 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से इसकी स्थापना हुई थी भारत सरकार से मान्यता हासिल करने वाला यह देश का पहला एक्सचेंज है भारत सरकार ने इसे 1946 मैं सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1946 के अंतर्गत स्थाई स्वरूप की मान्यता दे दी गई थी यह एक्सचेंज भारतीय कैपिटल मार्केट को विकसित करने में मुख्य और महत्व की भूमिका निभाता है बीएसई का इंडेक्स सेंसेक्स है और इंडेक्स पर विश्व भर की नजरें रहती है।
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज( STOCK EXCHANGE IN INDIA)
भारत में कुल 25 स्टॉक एक्सचेंज है इन सभी को भारत सरकार ने मान्यता दी है उनमें से सबसे बड़े और महत्व के बाजार में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज nsi
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई का समावेश होता है भारत के शेयर बाजार में हर दिन होने वाले ट्रेडिंग में बड़े पैमाने का ट्रेडिंग एनएसई और बीएसई के जरिए ही होता है।
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (NATIONAL STOCK EXCHANGE ) NSE
1994 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शुरू किया गया यह शुरू करने के पीछे तू ही तू आगे दिया गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर इक्विटी डेट और इन जैसे अन्य इंस्ट्रूमेंट का व्यवहार कर पाना.
देश भर के निवेशकों को एक साथ में व्यवहार करने का मौका प्राप्त करना..
यह एक्सचेंज बिना ट्रेडिंग रिंग वाले राष्ट्रीय स्तर के कंप्यूटराइज शेयर बाजार के इस रूप में रहे इसीलिए..
व्यवहार के सेटलमेंट साइकिल अर्थात काला अवधि कम करने के लिए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ( MOMBAY STOCK EXCHANGE ) BSE
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है एशिया का सबसे पुराना शहर बाजार है यह बीएसपी के नाम से अधिक प्रसिद्ध है
1874 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से इसकी स्थापना हुई थी भारत सरकार से मान्यता हासिल करने वाला यह देश का पहला एक्सचेंज है भारत सरकार ने इसे 1946 मैं सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1946 के अंतर्गत स्थाई स्वरूप की मान्यता दे दी गई थी यह एक्सचेंज भारतीय कैपिटल मार्केट को विकसित करने में मुख्य और महत्व की भूमिका निभाता है बीएसई का इंडेक्स सेंसेक्स है और इंडेक्स पर विश्व भर की नजरें रहती है।
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज( STOCK EXCHANGE IN INDIA)
भारत में कुल 25 स्टॉक एक्सचेंज है इन सभी को भारत सरकार ने मान्यता दी है उनमें से सबसे बड़े और महत्व के बाजार में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज nsi
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई का समावेश होता है भारत के शेयर बाजार में हर दिन होने वाले ट्रेडिंग में बड़े पैमाने का ट्रेडिंग एनएसई और बीएसई के जरिए ही होता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (NATIONAL STOCK EXCHANGE ) NSE
1994 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शुरू किया गया यह शुरू करने के पीछे तू ही तू आगे दिया गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर इक्विटी डेट और इन जैसे अन्य इंस्ट्रूमेंट का व्यवहार कर पाना.
देश भर के निवेशकों को एक साथ में व्यवहार करने का मौका प्राप्त करना..
यह एक्सचेंज बिना ट्रेडिंग रिंग वाले राष्ट्रीय स्तर के कंप्यूटराइज शेयर बाजार के इस रूप में रहे इसीलिए..
व्यवहार के सेटलमेंट साइकिल अर्थात काला अवधि कम करने के लिए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ( MOMBAY STOCK EXCHANGE ) BSE
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है एशिया का सबसे पुराना शहर बाजार है यह बीएसपी के नाम से अधिक प्रसिद्ध है
1874 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से इसकी स्थापना हुई थी भारत सरकार से मान्यता हासिल करने वाला यह देश का पहला एक्सचेंज है भारत सरकार ने इसे 1946 मैं सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1946 के अंतर्गत स्थाई स्वरूप की मान्यता दे दी गई थी यह एक्सचेंज भारतीय कैपिटल मार्केट को विकसित करने में मुख्य और महत्व की भूमिका निभाता है बीएसई का इंडेक्स सेंसेक्स है और इंडेक्स पर विश्व भर की नजरें रहती है।
एनएससी और बीएससी का ट्रेडिंग सिस्टम इस प्रकार है
एनएससी की ट्रेडिंग सिस्टम(Treding Mechanism at NSE):
एनएससी में फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने के लिए तैयार किया गया ट्रेडिंग सिस्टम NET ( नीट फ्यूचर AND ऑप्शन्स ) कहेके पहचाना जाता है।
इस सिस्टम में निफ़्टी फ्यूचर और ऑप्शन साथ ही स्टॉक फ्यूचर और ऑप्शन के कामकाज रास्ट्रीय स्टर पर एक साथ कर सके इसके लिए पूरी तरह करें स्वयं संचालित स्क्रीन पर आधारित ट्रेडिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है इस पूरे कार्य के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग नियमन का सर्वेक्षण हो सके ऐसी मंत्रणा भी खड़ी कर दी है यह सिस्टम अनामी आर्डर पर आधारित मार्केट को सपोर्ट करने की क्षमता रखता है
बीएससी का ट्रेडिंग सिस्टम (Treding Mechanism at BSE):
बीएससी में डेयरी वेटिंग का व्यवहार पूरी तरह स्वयं संचालित स्क्रीन पर आधारित ट्रेडिंग के प्लेटफार्म के जरिए होता है इस सिस्टम में डेरिवेटिव ट्रेडिंग एंड सेटेलमेंट सिस्टम ( डी पी एस एस ) के संक्षिप्त नाम से पहचाना जाता है। डीटीएसएस का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि बाजार में व्यवहार चालू होगा उसी कालावधी में उसके सभासद व्यवहार कर सकते हैं साथ ही किसी भी सभासद द्वारा शेयर बेचने के लिए रखे गए हो उसकी मौत से और उस संख्या में शेयर खरीदने के लिए तैयार सभासद से सोते का मैचिंग भी जा कर कह दिया जाता है जीपीएस की सिस्टम बाजार के व्यवहार में हिस्सा लेने वाले उसके सभासद की तरह अलग-अलग प्रकार के के सपोर्ट तैयार करने की क्षमता रखते हैं..।
टर्न ओवर (Trunover)
जून 2000 में इंडेक्स फ्यूचर से डेरिवेटिव ट्रेडिंग का आरंभ किया गया था तब से अब तक एनएससी के डेरिवेटिव्स मार्केट में ट्रेडिंग वॉल्यूम में एक स्त्री वृद्धि देखी गई फिलहाल एनएससी के डेरिवेटिव मार्केट के ट्रेडिंग का औसतन दैनिक कारोबार कुछ हजार करोड़ रुपए से अधिक है। टर्नओवर एनएससी और बीएससी के वार्षिक आकलन का प्रदर्शन बताता है।